कामिका एकादशी क्या है?
कामिका एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित एक पवित्र दिन है, जो विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो आध्यात्मिक उन्नति और भौतिक लाभ की कामना करते हैं। इस दिन को उपव्रत और धार्मिक अनुष्ठानों के पालन के लिए जाना जाता है। “कामिका” शब्द संस्कृत के “कामिका” से आया है, जिसका अर्थ है इच्छाओं या अभिलाषाओं को पूरा करना। इस प्रकार, कामिका एकादशी को भगवान विष्णु की भक्ति और प्रार्थनाओं के माध्यम से अपनी इच्छाओं को पूरा करने का आदर्श समय माना जाता है।
कामिका एकादशी 2025: तिथि और समय
कामिका एकादशी 2025 में सोमवार, 21 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी। एकादशी तिथि रविवार, 20 जुलाई 2025 को दोपहर 12:12 बजे शुरू होगी और सोमवार, 21 जुलाई 2025 को सुबह 9:38 बजे समाप्त होगी।
जो भक्त पारणा (व्रत तोड़ने) का पालन करते हैं, उनके लिए यह समय मंगलवार, 22 जुलाई 2025 को सुबह 06:04 बजे से लेकर 07:05 बजे तक होगा। भक्तों को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि तिथि के समय का सही पालन किया जाए, क्योंकि पारणा एकादशी तिथि समाप्त होने के बाद ही किया जाना चाहिए।
कामिका एकादशी पर हमें क्या करना चाहिए?
कामिका एकादशी पर भक्त कठोर व्रत नियमों का पालन करते हैं और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए आध्यात्मिक अभ्यास करते हैं। इस दिन क्या किया जाना चाहिए, यह निम्नलिखित है:
व्रत पालन
भक्त सूर्योदय से लेकर अगले दिन सुबह तक व्रत रखते हैं, जिसमें वे भोजन और जल से परहेज करते हैं। कुछ भक्त दिन में केवल एक ही भोजन करते हैं।
भगवान विष्णु के नाम का जाप
भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करना प्रचलित है।
पूजा और अनुष्ठान
भगवान विष्णु के लिए विस्तृत पूजा करना, फूल, फल और अन्य पवित्र सामग्री अर्पित करना इस दिन का अभिन्न हिस्सा है।
धार्मिक ग्रंथों का पठन
भक्त अक्सर भगवद गीता, विष्णु सहस्रनाम या अन्य विष्णु संबंधी धार्मिक ग्रंथों का पठन करते हैं, ताकि वे अपनी आध्यात्मिक कनेक्शन को मजबूत कर सकें।
हम कामिका एकादशी क्यों मनाते हैं?
कामिका एकादशी भगवान विष्णु की पूजा के लिए मनाई जाती है, जिन्हें सृष्टि के पालनहार के रूप में पूजा जाता है। हिंदू पुराणों के अनुसार, इस दिन उपव्रत और प्रार्थनाओं का पालन करने से आत्मा का शुद्धिकरण होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। कामिका एकादशी की पूजा से भक्तों को न केवल अपने पापों का प्रायश्चित करने का अवसर मिलता है, बल्कि यह उनके जीवन में समृद्धि और शांति भी लाती है।
किंवदंती के अनुसार, महाभारत के राजा युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से कामिका एकादशी का महत्व पूछा था, और भगवान श्री कृष्ण ने इसके पीछे की कहानी बताई। इस कथा के अनुसार, जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ इस व्रत को करता है, वह आध्यात्मिक मुक्ति और समृद्धि प्राप्त करता है।
कामिका एकादशी 2025: तिथि, एकादशी तिथि और पारणा समय
जैसा कि पहले बताया गया, कामिका एकादशी 2025 में सोमवार, 21 जुलाई 2025 को होगी। एकादशी तिथि 20 जुलाई 2025 को दोपहर 12:12 बजे शुरू होकर 21 जुलाई 2025 को सुबह 9:38 बजे समाप्त होगी।
पारणा समय मंगलवार, 22 जुलाई 2025 को सुबह 06:04 बजे से लेकर 07:05 बजे तक होगा। भक्तों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे इस समय के भीतर अपना व्रत तोड़ें, ताकि व्रत पूरा माना जाए।
कामिका एकादशी का महत्व
कामिका एकादशी हिंदू कैलेंडर के प्रमुख एकादशियों में से एक है, और इसका पालन करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। कामिका एकादशी का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में समाहित किया जा सकता है:
आध्यात्मिक शुद्धिकरण
इस दिन उपव्रत और पूजा करने से मन और आत्मा की शुद्धि होती है। यह भक्तों को उनके पिछले पापों से मुक्ति दिलाने और मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर करने में मदद करता है।
इच्छाओं की पूर्ति
कामिका एकादशी भौतिक और आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति से जुड़ी हुई है। भक्तों का विश्वास है कि इस दिन प्रार्थना करने से उन्हें सफलता, समृद्धि और धन प्राप्त होता है।
भगवान विष्णु की प्रसन्नता
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से उन्हें आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आने वाली बाधाओं का नाश होता है।
कामिका एकादशी पूजा विधि और मंत्र
कामिका एकादशी की पूजा विधि में निम्नलिखित कदम होते हैं:
सुबह की पूजा
प्रातः स्नान करें और पूजा स्थल को साफ करें।
भगवान विष्णु को अर्पण
दीपक जलाकर भगवान विष्णु के प्रतिमा या चित्र को फूल, फल और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
मंत्रों का जाप
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें, जो भगवान विष्णु के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए माना जाता है।
ग्रंथों का पठन
विष्णु सहस्रनाम या अन्य विष्णु संबंधी प्रार्थनाओं का पठन करें।
रात्रि की पूजा
रात्रि में फिर से पूजा करें और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
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कामिका एकादशी व्रत नियम (व्रत)
कामिका एकादशी पर व्रत का पालन करना अनिवार्य है। व्रत के नियम निम्नलिखित हैं:
पूर्ण उपव्रत
कुछ भक्त पूरी तरह से उपव्रत रखते हैं, जिसमें वे खाने-पीने और पानी से भी परहेज करते हैं।
आंशिक उपव्रत
जो भक्त पूरी तरह से उपव्रत नहीं रख सकते, वे दिन में एक बार भोजन करते हैं और अनाज, दाल, और नमक से परहेज करते हैं।
रात में जागरण
इसे माना जाता है कि इस दिन रात में जागरण करना चाहिए, ताकि मन भगवान विष्णु में लगा रहे।
पारणा
व्रत को पारणा समय में तोड़ा जाता है, जो 22 जुलाई 2025 को सुबह 06:04 बजे से लेकर 07:05 बजे तक होगा।
निष्कर्ष
कामिका एकादशी 2025, सोमवार, 21 जुलाई को भगवान विष्णु के आशीर्वाद प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। सही पूजा विधि, व्रत नियमों, और सच्ची भक्ति के साथ इस दिन को मनाने से इच्छाओं की पूर्ति और समृद्धि प्राप्त हो सकती है। इस पवित्र दिन पर व्रत और अनुष्ठान भक्तों को मानसिक और शारीरिक शुद्धता प्रदान करते हैं, और उन्हें दिव्य संरक्षण और आध्यात्मिक मुक्ति की प्राप्ति होती है।
अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: When is Kamika Ekadashi 2025? Know the Date, Time, pooja vidhi, mantra and Rituals