एकादशी हिंदू धर्म में एक पवित्र और महत्वपूर्ण उपवास दिवस है, जो हर माह दो बार चंद्रमा के बढ़ते और घटते चरणों के दौरान आता है। यह प्रत्येक पक्ष के ग्यारहवें दिन (एकादशी तिथि) को पड़ता है और धार्मिक एवं आध्यात्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। भक्त इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने, आत्मशुद्धि करने और आध्यात्मिक प्रगति के लिए प्रयास करते हैं।

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एकादशी का अर्थ और महत्व
संस्कृत में ‘एकादशी’ का अर्थ ग्यारहवां दिन होता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन उपवास करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से जागरूक होता है।
एकादशी केवल उपवास का दिन नहीं है, बल्कि यह आत्म-संयम, भक्ति और सांसारिक इच्छाओं से दूर रहने की साधना है। यह दिन मानसिक और शारीरिक रूप से व्यक्ति को शुद्ध करने के लिए आदर्श माना जाता है।
एकादशी के प्रकार
एकादशी हर महीने दो बार आती है और इसे दो भागों में बांटा जाता है:
- शुक्ल पक्ष एकादशी: जब चंद्रमा बढ़ते चरण में होता है।
- कृष्ण पक्ष एकादशी: जब चंद्रमा घटते चरण में होता है।
कुछ प्रमुख एकादशी निम्नलिखित हैं:
- वैकुंठ एकादशी – मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण।
- देवशयनी एकादशी – इस दिन से भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं।
- प्रबोधिनी एकादशी – भगवान विष्णु के जागरण का प्रतीक।
- कामदा एकादशी – इच्छाओं की पूर्ति और पापों के नाश के लिए।
- मोक्षदा एकादशी – मोक्ष और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति के लिए।
एकादशी व्रत और नियम
एकादशी व्रत आत्मशुद्धि और भक्ति के लिए रखा जाता है। इसके विभिन्न प्रकार होते हैं:
- निर्जला एकादशी – बिना जल ग्रहण किए उपवास।
- फलाहार एकादशी – केवल फल, दूध और मेवा का सेवन।
- आंशिक उपवास – हल्का भोजन जिसमें साबूदाना, फल और डेयरी उत्पाद शामिल होते हैं, परंतु अनाज और दालों का सेवन वर्जित होता है।
अन्य नियम:
- चावल, गेहूं, दाल और मांसाहार न करें।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और ध्यान करें।
- विष्णु पुराण और भगवद गीता का पाठ करें।
- द्वादशी तिथि पर व्रत खोलें।
एकादशी के लाभ
आध्यात्मिक लाभ:
- आत्मसंयम और शांति प्रदान करता है।
- पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है।
- भगवान विष्णु की भक्ति और कृपा प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति और आंतरिक जागरूकता बढ़ती है।
वैज्ञानिक लाभ:
- उपवास शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करता है।
- पाचन तंत्र को आराम मिलता है और पाचन क्षमता में सुधार होता है।
- मानसिक स्पष्टता बढ़ती है और तनाव कम होता है।
- ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है।
भगवान विष्णु और एकादशी का संबंध
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, देवी एकादशी भगवान विष्णु से उत्पन्न हुई थीं ताकि दैत्य मूर को पराजित कर सकें। भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान दिया कि जो भी श्रद्धा और निष्ठा से एकादशी व्रत करेगा, उसे पापों से मुक्ति मिलेगी और मोक्ष प्राप्त होगा।
इस दिन भक्त विष्णु सहस्रनाम का जाप करते हैं, भगवद गीता का पाठ करते हैं, और विष्णु पूजा करते हैं। कई लोग विष्णु मंदिरों जैसे तिरुपति बालाजी, बद्रीनाथ और जगन्नाथ पुरी में दर्शन करने जाते हैं।
निष्कर्ष
एकादशी केवल एक उपवास नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल शारीरिक और मानसिक शुद्धि प्रदान करता है, बल्कि व्यक्ति को भगवान विष्णु की भक्ति में लीन होने का अवसर भी देता है। एकादशी का पालन करने से जीवन में शांति, संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
इंग्लिश मे पढ़ने के लिए यह क्लिक करे : What is Ekadashi? Significance, Rituals, and Spiritual Benefits of Fasting
Last Updated on मार्च 12, 2025 by Hinditerminal.com