अधिक मास क्या है ? कब और क्यों आता है?

हिंदू पंचांग के अनुसार जब एक चंद्र मास में कोई भी संक्रांति (सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश) नहीं होती है, तो उस मास को “अधिक मास” कहा जाता है। इसे “मलमास” भी कहा जाता है, क्योंकि…

हिंदू पंचांग के अनुसार जब एक चंद्र मास में कोई भी संक्रांति (सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश) नहीं होती है, तो उस मास को “अधिक मास” कहा जाता है। इसे “मलमास” भी कहा जाता है, क्योंकि…

इंदिरा एकादशी, अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एक अत्यंत पावन और पुण्यदायिनी एकादशी है, जो पितृ पक्ष के अंतिम चरणों में आती है। यह व्रत विशेष रूप से पितरों की मुक्ति (पितृ मोक्ष) के लिए रखा जाता…

पंढरपुर विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में भीमा नदी के तट पर स्थित पंढरपुर विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर, हिंदू धर्म की भक्ति परंपरा का एक अत्यंत पूजनीय केंद्र है। इसे ‘दक्षिण का काशी’ कहा जाता है और यह स्थल…

पंढरपुर यात्रा का महत्व क्या है? भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में महाराष्ट्र की पंढरपुर यात्रा एक विशिष्ट स्थान रखती है। यह केवल एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि श्रद्धा, भक्ति, अनुशासन और सामाजिक समरसता की जीवंत परंपरा है। हर वर्ष…

पंढरपुर वारी 2025 पंढरपुर वारी महाराष्ट्र की एक महान धार्मिक यात्रा है जो हर वर्ष आषाढ़ी एकादशी पर भगवान विठोबा (श्री विट्ठल) के दर्शन हेतु निकाली जाती है। यह वारी संत ज्ञानेश्वर महाराज (आलंदी) और संत तुकाराम महाराज (देहू) की…

भगवद गीता अध्याय दूसरा” न केवल गीता का सबसे व्यापक अध्याय है, बल्कि यह समूचे ग्रंथ की दार्शनिक रीढ़ भी है। इसे ‘सांख्य योग’ कहा गया है — एक ऐसा योग जो ज्ञान, विवेक और आत्मा की शाश्वतता की गहराइयों…

भगवद गीता न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह जीवन जीने की कला भी सिखाती है। यह वह दिव्य संवाद है जो महाभारत के युद्धभूमि में भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच हुआ। “भगवद गीता अध्याय पहला” इस संवाद…

श्रावण मास हिंदू धर्म में विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित महीना होता है। इस महीने के प्रत्येक सोमवार को ‘श्रावण सोमवार व्रत’ रखा जाता है, जिसे शिवभक्त बड़ी श्रद्धा और आस्था से मानते हैं। इस लेख में हम…

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का क्या महत्व है? हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा केवल एक वनस्पति नहीं, बल्कि गहन आस्था, पवित्रता और धार्मिक ऊर्जा का प्रतीक है। इसे ‘विष्णु प्रिया’ के नाम से भी जाना जाता है,…

ऋषि पंचमी 2025 कब है? जानिए तिथि और दिन वर्ष 2025 में ऋषि पंचमी का पावन पर्व गुरुवार, 28 अगस्त को मनाया जाएगा। यह पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आता है। इसी शुभ मुहूर्त में…