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आरती संग्रह

महालक्ष्मीची आरती | shri Mahalakshmi Aarti lyrics

जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी। वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी llधृll करवीरपुरवासिनी सुरवरमुनिमाता। पुरहरवरदायिनी मुरहरप्रियकान्ता। कमलाकारें जठरी जन्मविला धाता। सहस्त्रवदनी

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शंकराची आरती लवथवती विक्राळा | Shankarachi Aarti Lavthavti Vikrala

लवथवती विक्राळा, ब्रह्मांडी माळा | वीषें कंठ काळा, त्रिनेत्रीं ज्वाळा || लावण्यसुंदर, मस्तकीं बाळा | तेथुनियां जल, निर्मल वाहे झुळझूळां

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