नवरात्रि का व्रत कैसे करें? नवरात्रि उपवास के नियम।

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  • Post last modified:सितम्बर 21, 2025

नवरात्रि देवी के नौ रूपों की उपासना का महापर्व है। बहुत-से साधक हर वर्ष यह प्रश्न पूछते हैं— नवरात्रि का व्रत कैसे करें ताकि उपवास शास्त्रसम्मत और स्वास्थ्यकर ढंग से हो सके। साथ ही नवरात्रि उपवास के नियम क्षेत्र और परंपरा के अनुसार भिन्न भी हो सकते हैं। इस विस्तृत लेख में हम संकल्प से लेकर पारायण (पराण) तक की पूरी जानकारी देंगे, ताकि आप श्रद्धा और अनुशासन के साथ व्रत निभा सकें और दैनिक जीवन में संतुलन बनाए रखें।

व्रत के प्रकार: अपनी क्षमता और परंपरा के अनुसार चुनें

नवरात्रि में व्रत कई तरीकों से किया जाता है। नवरात्रि का व्रत कैसे करें समझने के लिए पहले व्रत-प्रकार तय कर लें:

  • संपूर्ण उपवास (निर्जला/जला-जल): केवल जल, या जल-फल के साथ। यह कठिन तप है; चिकित्सकीय सलाह लेना उचित है।
  • फलाहार/फ्रूट डाइट: फल, सूखे मेवे, दूध, दही, मखाना, साबूदाना, शकरकंद आदि।
  • एकादशाहार/एक समय भोजन: दिन में एक बार व्रत-आहार; शेष समय जल/फल।
  • सात्त्विक अनाज-व्रत (समक/कुट्टू/सिंघाड़ा): सामान्य अनाज त्यागकर उपवास-अनाज का सीमित सेवन।
    इनमें से जो भी पद्धति आपके स्वास्थ्य, आयु और परंपरा के अनुकूल हो, वही चुनें। यही नवरात्रि का व्रत कैसे करें का पहला व्यावहारिक कदम है।

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व्रत से पहले की तैयारी (पूर्व-संकल्प)

  • संकल्प: स्नान के बाद ईश्वर-समक्ष यह संकल्प करें कि आप अमुक नियमों के साथ नौ दिन व्रत रखेंगे। संकल्प-दीप के सम्मुख नवरात्रि उपवास के नियम मन में दोहराएँ—सात्त्विकता, संयम, अहिंसा, सत्य और शुचिता।
  • पूजा-सामग्री: कलश/घट, जौ/गेहूँ की बालियाँ (यदि प्रचलन हो), लाल/पीला वस्त्र, रोली-कुमकुम, मौली, चावल (अक्षत), फूल, पंचमेवा, घी/तेल का दीप, धूप, नैवेद्य, नारियल, जल-पात्र।
  • स्थान-शुद्धि: पूजा-स्थल को स्वच्छ रखें, यह नवरात्रि का व्रत कैसे करें की मूल शर्त है; स्वच्छता ही सात्त्विकता का आधार है।
  • सामयिक तैयारी: कार्य-तालिका इस प्रकार बनाएं कि पूजा, जप और विश्राम के लिए समय मिल सके; नवरात्रि उपवास के नियम के अनुसार देर रात तक जगे रहने और अनावश्यक यात्राओं से बचें।

दैनिक पूजा-विधि: चरण-दर-चरण

यहाँ नवरात्रि का व्रत कैसे करें का व्यावहारिक अनुक्रम दिया जा रहा है, जिसे आप अपनी परंपरा के अनुसार हल्का-फुल्का बदल सकते हैं:

  1. प्रातः-स्नान और शुचिता: साफ़ वस्त्र पहनें; यदि संभव हो तो पीला/लाल/सादा सफ़ेद चुनें।
  2. दीप-प्रज्वलन: घी/तिल के तेल का अखंड दीप जलाएँ।
  3. घट/कलश-स्थापना (पहले दिन): स्वच्छ पात्र में जल, आम्रपल्लव/पाँच पत्ते (यदि उपलब्ध), सुपारी, अक्षत डालें; नारियल को कलावा बाँधकर ऊपर रखें।
  4. देवी-आवाहन और अर्चना: दुर्गा सप्तशती/अथवा कवच/अर्गला स्तोत्र/नवदुर्गा स्तुति से पूजन करें।
  5. मंत्र-जप और पाठ: रोज़ निश्चित संख्या में जप; यह नवरात्रि का व्रत कैसे करें का मन-शक्ति बढ़ाने वाला अंग है।
  6. नैवेद्य और आरती: फल, मिष्ठान (बिना अंडा/मद्य/मांस), पवित्र जल, पुष्प अर्पित करें; आरती करें।
  7. सेवा और दान: कन्याभोज/ब्राह्मणभोज/अन्नदान परंपरा के अनुसार करें; नवरात्रि उपवास के नियम सात्त्विक दान पर बल देते हैं।

नवरात्रि उपवास के नियम: क्या खाएँ, क्या न खाएँ

बहुत से पाठक पूछते हैं कि नवरात्रि उपवास के नियम वास्तविक जीवन में कैसे अपनाएँ। संक्षेप में:

  • त्याग करें: लहसुन, प्याज, मांस, मछली, अंडा, शराब, तंबाकू, धूम्रपान, तामसिक और अत्यधिक तीखा/खट्टा भोजन।
  • स्वीकृत (क्षेत्रानुसार भिन्नता संभव): समक (सामो/बर्र्नयार्ड मिलेट) का चावल, कुट्टू/सिंघाड़ा आटा, साबूदाना, शकरकंद/अरबी, कद्दू, लौकी, खीरा, दूध/दही/छाछ/पनीर, सूखे मेवे, मखाना, सादा सेंधा नमक, घी/मूँगफली/तिल का तेल, शहद/गुड़ (मर्यादा में)।
  • जल और इलेक्ट्रोलाइट: पर्याप्त जल, नींबू-शहद जल, नारियल पानी; नवरात्रि उपवास के नियम निर्जलीकरण से बचने की सलाह देते हैं।

त्वरित तालिका—मान्य/अमान्य (आम प्रचलन):

श्रेणीमान्य (उदाहरण)अमान्य (उदाहरण)
अनाज/आटासमक, कुट्टू, सिंघाड़ागेहूँ, चावल, मैदा, सूजी
नमकसेंधा नमकसाधारण आयोडीन/समुद्री नमक
सब्ज़ियाँकद्दू, लौकी, आलू, शकरकंदप्याज, लहसुन, अधिक तीखी सब्ज़ियाँ
स्नैक्समखाना, मूँगफली (मर्यादा में)पैक्ड तली चीज़ें, अजीनोमोटो
दुग्धदूध, दही, पनीर, छाछप्रोसेस्ड चीज़, कृत्रिम फ्लेवर

तालिका स्थानीय परंपरा के अनुसार बदली जा सकती है; नवरात्रि उपवास के नियम का सार यही है कि सात्त्विकता और सरलता बनी रहे।

ऊर्जा-संतुलन और स्वास्थ्य सावधानियाँ

भक्ति के साथ-साथ स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी नवरात्रि का व्रत कैसे करें का अहम भाग है।

  • धीमी ऊर्जा छोड़ने वाले आहार: शकरकंद, मखाना, समक-खिचड़ी, दही।
  • प्रोटीन स्रोत: पनीर, दूध, बादाम- अखरोट, कद्दू के बीज (मर्यादा में)।
  • हाइड्रेशन: नींबू-पानी, नारियल पानी, छाछ; नवरात्रि उपवास के नियम में कैफीन/अत्यधिक चाय से संयम सुझाया जाता है।
  • विशेष परिस्थितियाँ: गर्भवती, स्तनपान कराने वाली माताएँ, वृद्ध, मधुमेह/हाइपरटेंशन/किडनी/हार्ट रोगी चिकित्सकीय सलाह से व्रत करें।

दिन-प्रतिदिन की सरल रूपरेखा (नौ दिनों के लिए)

  • दिन 1–3 (शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा): संकल्प दृढ़ करें, हल्का फलाहार रखें; नवरात्रि का व्रत कैसे करें में नियमित जप और ध्यान सबसे उपयोगी है।
  • दिन 4–6 (कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी): समक/कुट्टू से एक समय भोजन; नवरात्रि उपवास के नियम के अनुरूप तामसिकता से दूर रहें।
  • दिन 7–9 (कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री): आराधना में गहराई लाएँ, कन्याभोज/दान की योजना बनाएं; परायण दिवस के लिए हल्का और सात्त्विक आहार रखें।

पारायण (पराण) और अष्टमी/नवमी की परंपरा

कई घरों में अष्टमी/नवमी को कन्या-पूजन और भोग के साथ व्रत का पारायण होता है। नवरात्रि का व्रत कैसे करें का समापन इस प्रकार करें:

  1. कन्या-पूजन/भोज: 2, 5, 7, 9 कन्याओं (और एक बालक—भैरव/लंगूर) को परंपरा अनुसार भोजन कराएँ।
  2. भोग और आरती: हलुआ-पूरी/काला चना आदि अनेक क्षेत्रों में प्रचलित हैं; नवरात्रि उपवास के नियम अनुसार सात्त्विकता बनाए रखें।
  3. आशीर्वाद और विदाई: देवी से क्षमा-याचना—यदि नियमों में कमी रह गई हो—और कलश-जल का संचित उपयोग (तुलसी/आँगन में) करें।

क्षेत्रीय भिन्नताएँ और घर की परंपरा

भारतवर्ष में नवरात्रि उपवास के नियम क्षेत्र-विशेष के अनुसार बदलते हैं—कहीं साबूदाना अधिक प्रचलित है, कहीं समक-चावल; कुछ परिवारों में प्याज-लहसुन जीवन भर त्याज्य हैं, तो कहीं केवल नवरात्रि में। घर की परंपरा और कुल-देवी के विधान का सम्मान करें। यही नवरात्रि का व्रत कैसे करें का सांस्कृतिक आयाम है।

सामान्य भूलें जिनसे बचना चाहिए

  • अतिभोजन/अतियोग: व्रत-भोजन भी अति मात्रा में न लें; नवरात्रि उपवास के नियम संतुलन और संयम का संदेश देते हैं।
  • नींद और जल-सेवन की कमी: शरीर थकान से टूटता है, भक्ति क्षीण होती है; नवरात्रि का व्रत कैसे करें में आराम का समय जोड़ें।
  • पैक्ड/प्रोसेस्ड ‘व्रत’ स्नैक्स का अत्यधिक सेवन: सामग्री सूची पढ़ें; रिफाइंड/एडिटिव से बचें।
  • क्रोध/कपट/निंदा: मानसिक सात्त्विकता भी नवरात्रि उपवास के नियम का अभिन्न भाग है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्र. 1: पहली बार रखने वालों के लिए नवरात्रि का व्रत कैसे करें?
उ. आरंभ में फलाहार/एक समय भोजन चुनें, स्पष्ट संकल्प लें, प्रतिदिन छोटा-सा पाठ/जप रखें और पर्याप्त जल पिएँ। धीरे-धीरे अनुभव बढ़ने पर पद्धति बदल सकते हैं। यही व्यावहारिक उत्तर है—नवरात्रि का व्रत कैसे करें

प्र. 2: नवरात्रि उपवास के नियम में कौन-सा नमक मान्य है?
उ. सामान्यतः सेंधा नमक; साधारण आयोडीन/समुद्री नमक वर्जित माना जाता है। क्षेत्रीय परंपरा की पुष्टि करें।

प्र. 3: ऑफिस/यात्रा के बीच नवरात्रि का व्रत कैसे करें?
उ. पहले से मखाना, ड्राई-फ्रूट, फल, समक-खिचड़ी/कुट्टू-पराँठा (घी में हल्का) पैक रखें, जल-स्निग्धता बनाए रखें और समय पर छोटा-सा मंत्र-जप कर लें।

प्र. 4: नवरात्रि उपवास के नियम में चाय-कॉफी का क्या स्थान है?
उ. संयम बरतें; अधिक कैफीन निर्जलीकरण और चिड़चिड़ापन बढ़ा सकती है। हर्बल/नींबू पानी बेहतर विकल्प हैं।

प्रेरक दिनचर्या का नमूना (अनुकूलित करें)

  • सुबह: स्नान, संकल्प-स्मरण, दीप-धूप, स्तोत्र/सप्तशती के कुछ अध्याय, हल्का फल/दूध।
  • दोपहर: समक-भोजन/कुट्टू-रोटी दही के साथ; मंत्र-जप।
  • शाम: आरती, ध्यान, परिवार के साथ भक्ति-गीतम; नवरात्रि उपवास के नियम के अनुरूप हल्की सैर और नींद का पालन।
  • रात: सूखे मेवे/गर्म दूध (यदि आवश्यक), कृतज्ञता-भाव के साथ विश्राम।

किसी भी पद्धति का मूल उद्देश्य आस्था, अनुशासन और करुणा का विकास है। जब आप मन, वचन और कर्म से सात्त्विकता अपनाते हैं, तब नवरात्रि का व्रत कैसे करें का उत्तर अपने आप सहज हो जाता है, और नवरात्रि उपवास के नियम केवल नियम न रहकर साधना का आनंद बन जाते हैं। देवी की कृपा से आपका जीवन ऊर्जा, शांति और साहस से परिपूर्ण हो—यही मंगलकामना है।

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Last Updated on सितम्बर 21, 2025 by Hinditerminal.com