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संकष्टी चतुर्थी 2023 नवंबर में: तिथि, महत्व और पूजा विधि

संकष्टी चतुर्थी क्या है

संकष्टी चतुर्थी एक हिंदू त्योहार है जो हर मास के चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार को गणेश भक्तों द्वारा विशेष आदर और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान गणेश की पूजा और व्रत करते हैं और उन्हें अपनी जीवन की दुःखों और संकटों से मुक्ति प्राप्त करने की कामना करते हैं।

क्यों मनाई जाती है संकष्टी चतुर्थी

संकष्टी चतुर्थी का महत्व गणेश भक्ति में प्रमुख रूप से माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से लोग अपने जीवन में आने वाले संकटों और मुसीबतों से बचाव प्राप्त करते हैं। यह त्योहार भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक अवसर भी है। इसके अलावा, संकष्टी चतुर्थी का महत्व धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी है। यह त्योहार लोगों को सामरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और उन्हें संकटों के सामने साहस और स्थिरता की भावना प्रदान करता है।

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि क्या है

संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए निम्नलिखित पूजा विधि का पालन किया जाता है:

  1. पूजा की शुरुआत में गणेश मूर्ति को स्वच्छ जल से स्नान कराएं। इसके बाद उसे पीले वस्त्र से सजाएं।
  2. फूल, दीप, धूप और नैवेद्य के साथ गणेश की आराधना करें। गणेश चालीसा और आरती गाएं।
  3. पूजा के बाद, गणेश जी को मोदक और दूध के साथ प्रसाद के रूप में अर्पित करें।
  4. संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने वालों को एकांत में बैठकर गणेश जी की कथा सुननी चाहिए और उन्हें अपने मन की इच्छानुसार मांगें।
  5. व्रत के दिन अन्न और नीर का दान करना भी शुभ माना जाता है।

इस वर्ष नवंबर में संकष्टी चतुर्थी कब है?

इस वर्ष नवंबर में संकष्टी चतुर्थी 30 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 29 नवंबर, 2023 को शाम 9:30 बजे होगा और समाप्त 30 नवंबर, 2023 को शाम 9:19 बजे होगा।

संकष्टी चतुर्थी का महत्व नवंबर में

नवंबर में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से लोगों को आने वाले वर्ष में आने वाले संकटों और मुसीबतों से बचाव प्राप्त होता है। यह त्योहार लोगों को सामरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और उन्हें आने वाले वर्ष में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।

निष्कर्ष

संकष्टी चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो लोगों को अपने जीवन में आने वाले संकटों और मुसीबतों से बचाव प्राप्त करने में मदद करता है। यह त्योहार लोगों को सामरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और उन्हें सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।

इस प्रकार, संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि का पालन करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और व्रत रखने वालों को संकटों से मुक्ति मिलती है।

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