Puja Mein Bole Jane Wale Mantra : मंत्रो का महत्व और अर्थ

भारत में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना एक गहरी आस्था और परंपरा का हिस्सा है। पूजा के समय मंत्रों (mantra) का उच्चारण करना आवश्यक माना जाता है क्योंकि यह न केवल आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है, बल्कि मन और वातावरण को भी शुद्ध करता है। इस लेख में हम देवी-देवताओं की पूजा में बोले जाने वाले प्रमुख मंत्रों, उनके महत्व और उनके अर्थ (अर्थ/Meaning) को विस्तार से जानेंगे।

पूजा में बोले जाने वाले मंत्र (Mantra)

पूजा में बोले जाने वाले मंत्र निम्नलिखित हैं, जिनका उल्लेख धर्मग्रंथों और परंपराओं में मिलता है। हर मंत्र अपने आप में विशिष्ट शक्ति और महत्व रखता है।

गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra)

मंत्र:

ॐ भूर् भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥

महत्व: गायत्री मंत्र को वेदों का सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। यह मंत्र सूर्य देव को समर्पित है और बुद्धि, ज्ञान तथा आध्यात्मिक जागृति प्रदान करता है। इसका जप करने से मनुष्य के विचार शुद्ध होते हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है।

अर्थ: हम उस परमात्मा का ध्यान करते हैं जो धरती, आकाश और स्वर्ग का पालन करता है। वह हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे।

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महादेव मंत्र (मृत्युंजय मंत्र) | Mahadev Mantra

मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

महत्व: इस मंत्र को महामृत्युंजय मंत्र कहा जाता है। यह भगवान शिव को समर्पित है। माना जाता है कि इसका जप करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। यह जीवन में शक्ति, साहस और मानसिक शांति प्रदान करता है।

अर्थ: हम त्रिनेत्रधारी भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो जीवन में खुशहाली और स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। जैसे खरबूजा डंठल से अलग होता है, वैसे ही हमें मृत्यु के बंधन से मुक्त करें।

श्री गणेश मंत्र | Ganesh Mantra

मंत्र:

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

महत्व: गणेश जी विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता माने जाते हैं। किसी भी शुभ कार्य से पहले गणपति की आराधना की जाती है। इस मंत्र का जप करने से कार्यों में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और सफलता प्राप्त होती है।

अर्थ: हे बड़े शरीर और वक्र सूंड वाले गणेश जी! जिनकी चमक करोड़ों सूर्यों के समान है, कृपया मेरे सभी कार्य बिना बाधा के पूर्ण करें।

श्री हरि विष्णु मंत्र | Hari Vishnu Mantra

मंत्र:

मङ्गलं भगवान विष्णुः मङ्गलं गरुड़ध्वजः।
मङ्गलं पुण्डरीकाक्षः मङ्गलायतनो हरिः॥

महत्व: यह मंत्र भगवान विष्णु को समर्पित है। इसका जप करने से जीवन में शुभता आती है। विष्णु जी पालनकर्ता हैं और इस मंत्र का उच्चारण सुख-समृद्धि और शांति का वरदान देता है।

अर्थ: भगवान विष्णु, गरुड़ध्वज, कमलनयन और हरि— ये सब मंगलमय हैं। उनके स्मरण से जीवन में शुभता आती है।

श्री कृष्ण मंत्र | Shri Krushna Mantra

मंत्र:

वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्।
देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥

महत्व: यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इसका जप करने से भक्त को आनंद, प्रेम और भक्ति की प्राप्ति होती है। श्रीकृष्ण को जगतगुरु कहा जाता है और वे धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश का प्रतीक हैं।

अर्थ: मैं वसुदेव के पुत्र, कंस और चाणूर के वध करने वाले, देवकी को परम आनंद देने वाले जगद्गुरु श्रीकृष्ण को प्रणाम करता हूँ।

श्री राम मंत्र

मंत्र:

श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे।
रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः॥

महत्व: यह मंत्र भगवान राम को समर्पित है। श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते हैं। इस मंत्र का जप करने से जीवन में धर्म, सत्य और आदर्शों की प्रेरणा मिलती है।

अर्थ: श्रीराम, रामभद्र, रामचन्द्र— रघुनाथ, सीता के पति और धर्म के रक्षक को मैं नमस्कार करता हूँ।

श्री शनिदेव मंत्र | Shanidev Mantra

मंत्र:

ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥

महत्व: शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। यह मंत्र शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए है। इसके जप से जीवन में न्याय की प्राप्ति होती है और कष्टों में कमी आती है।

अर्थ: मैं उस शनिदेव को प्रणाम करता हूँ जो नीलमणि के समान आभा वाले हैं, सूर्य के पुत्र और यमराज के भाई हैं।

माँ दुर्गा मंत्र | Durga Mantra

मंत्र:

ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥

महत्व: यह मंत्र माँ दुर्गा को समर्पित है। दुर्गा माँ शक्ति, साहस और रक्षा की देवी हैं। इस मंत्र का जप करने से भय दूर होता है और आत्मबल की प्राप्ति होती है।

अर्थ: मैं माँ दुर्गा को नमस्कार करता हूँ जो विजय प्रदान करने वाली, मंगलमयी, काली, भद्रकाली, क्षमाशील और पालन करने वाली हैं।

माँ महालक्ष्मी मंत्र | Mahalakshmi Mantra

मंत्र:

ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्यः सुतान्वितः।
मनुष्यः मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः॥

महत्व: यह मंत्र माँ लक्ष्मी को समर्पित है। इसका जप करने से धन, धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। लक्ष्मी माँ कृपा करती हैं और घर में सुख-शांति आती है।

अर्थ: माँ लक्ष्मी के प्रसाद से मनुष्य सभी बाधाओं से मुक्त होकर धन, अनाज और पुत्र-पौत्रों से संपन्न होता है।

इन सभी मंत्रों का उच्चारण आस्था, श्रद्धा और शुद्ध भाव से करना चाहिए। ये मंत्र न केवल पूजा के समय बोले जाते हैं बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करते हैं। हर मंत्र अपने आप में विशेष महत्व और गहन अर्थ रखता है और भक्त को उसकी आराधना के अनुसार फल प्रदान करता है।

Last Updated on सितम्बर 8, 2025 by Hinditerminal.com