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पोंगल 2025: जानें तारीख और इस त्योहार के चार दिनों की विशेषता

An illustration representing Pongal celebrations with a pot of boiling rice, sugarcane, and traditional decorations on a bright orange background.

Celebrate Pongal 2025: A traditional harvest festival honoring abundance and gratitude.

पोंगल

पोंगल भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जो फसल कटाई के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है और तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत में गहराई से जुड़ा हुआ है। यह त्योहार उत्साह और आभार के साथ मनाया जाता है। पोंगल 2025 में भी पारंपरिक और सांस्कृतिक रूप से बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा।

पोंगल 2025: तारीख और समय

पोंगल 2025 चार दिनों तक मनाया जाएगा, और हर दिन का अपना विशेष महत्व है। यह त्योहार सोमवार, 13 जनवरी 2025 से शुरू होकर गुरुवार, 16 जनवरी 2025 तक चलेगा। यह तमिल कैलेंडर के अनुसार तय होता है और मकर संक्रांति के साथ मेल खाता है।

पोंगल 2025 का पूरा शेड्यूल

हर दिन की अपनी विशिष्ट परंपराएं और रीति-रिवाज होते हैं, जो इस त्योहार को और खास बनाते हैं।

पोंगल के चार दिन: विस्तृत विवरण

1. भोगी पोंगल (13 जनवरी 2025)

पोंगल का पहला दिन, जिसे भोगी पोंगल कहा जाता है, पुराने सामान और नकारात्मकता को छोड़ने का प्रतीक है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और पुराने सामान को जलाकर एक नई शुरुआत का संकेत देते हैं। इस दिन घरों को चावल के आटे से बनी रंगीन कोलम (रंगोली) से सजाया जाता है।

2. थाई पोंगल (14 जनवरी 2025)

पोंगल के दूसरे दिन, जिसे थाई पोंगल कहा जाता है, सूर्य देव (सूर्य भगवान) की पूजा की जाती है।
इस दिन खास पोंगल व्यंजन बनाया जाता है, जो चावल, गुड़, दूध और इलायची से तैयार किया जाता है। इस व्यंजन को मिट्टी के बर्तन में घर के बाहर पकाया जाता है। पकवान का पहला हिस्सा सूर्य देव को अर्पित किया जाता है, और फिर परिवार और पड़ोसियों के साथ साझा किया जाता है।

3. मट्टू पोंगल (15 जनवरी 2025)

पोंगल का तीसरा दिन मवेशियों (गाय और बैल) को समर्पित होता है। किसान अपने मवेशियों को स्नान कराते हैं, उन्हें सजाते हैं, और उनकी पूजा करते हैं। मवेशियों का कृषि कार्यों में अहम योगदान होता है, इसलिए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। इस दिन जल्लीकट्टू नामक बैल-प्रदर्शन खेल का भी आयोजन किया जाता है।

4. कनूम पोंगल (16 जनवरी 2025)

पोंगल का चौथा और आखिरी दिन परिवार और समुदाय के साथ समय बिताने का होता है। इस दिन लोग पिकनिक मनाते हैं, रिश्तेदारों से मिलते हैं, और बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद लेते हैं। यह दिन सामुदायिक मेलजोल और आपसी संबंधों को मजबूत करने पर जोर देता है।

पोंगल का त्योहार कब और क्यों मनाया जाता है?

पोंगल मुख्य रूप से तमिलनाडु में मनाया जाने वाला फसल उत्सव है। यह किसानों द्वारा प्रकृति, सूर्य देव, और मवेशियों का आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार तमिल कैलेंडर के थाई महीने की शुरुआत में मनाया जाता है, जो शुभ घटनाओं और नए कार्यों के लिए एक आदर्श समय माना जाता है।

Pongal kahan manaya jata hai?

पोंगल मुख्य रूप से तमिलनाडु राज्य में मनाया जाता है। यह त्योहार तमिल संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा, यह भारत के अन्य दक्षिणी राज्यों जैसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और केरल में भी मनाया जाता है।

दुनिया भर में तमिल समुदाय पोंगल को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर, अमेरिका, कनाडा, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में यह त्योहार व्यापक रूप से मनाया जाता है।

Pongal kaise manaya jata hai?

पोंगल को मनाने के लिए विभिन्न रीति-रिवाज और परंपराएं अपनाई जाती हैं। यहां जानिए इसे कैसे मनाया जाता है:

सजावट और साफ-सफाई

खास व्यंजन बनाना

मवेशियों की पूजा

सामुदायिक आयोजन

पोंगल का इतिहास

पोंगल का इतिहास 2,000 से अधिक वर्षों पुराना है और यह तमिल कृषि परंपराओं से जुड़ा हुआ है। यह त्योहार संगम युग के दौरान “थाई निरादल” नाम से मनाया जाता था।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, पोंगल का संबंध भगवान कृष्ण और इंद्र देव से है। एक कहानी के अनुसार, भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र देव के प्रकोप से लोगों की रक्षा की थी। यह कहानी विनम्रता और आभार की जीत का प्रतीक है।

संगम साहित्य में पोंगल का उल्लेख मिलता है, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है।

पोंगल 2025 का महत्व

पोंगल 2025 न केवल एक त्योहार है, बल्कि यह प्रकृति, कृषि, और आपसी संबंधों के महत्व को रेखांकित करता है। यह त्योहार हमें सादगी, आभार, और पारिवारिक मूल्यों का सम्मान करना सिखाता है।

FAQs About Pongal 2025

1. पोंगल का मुख्य आकर्षण क्या है?

पोंगल का मुख्य आकर्षण पोंगल व्यंजन बनाना और सूर्य देव को अर्पित करना है।

2. पोंगल केवल तमिलनाडु में ही मनाया जाता है?

नहीं, पोंगल तमिलनाडु के अलावा दुनिया भर में तमिल समुदायों द्वारा मनाया जाता है।

3. जल्लीकट्टू क्या है?

जल्लीकट्टू तमिलनाडु का एक पारंपरिक खेल है, जो मट्टू पोंगल के दिन आयोजित होता है।

4. मवेशियों की पूजा क्यों की जाती है?

मवेशियों का कृषि कार्यों में योगदान महत्वपूर्ण होता है, इसलिए मट्टू पोंगल के दिन उनकी पूजा की जाती है।

5. क्या पोंगल में अन्य धर्मों के लोग भाग ले सकते हैं?

बिल्कुल! पोंगल एक ऐसा त्योहार है, जो सभी को भाग लेने और आनंद लेने के लिए आमंत्रित करता है।

6. कनूम पोंगल का महत्व क्या है?

कनूम पोंगल आपसी मेलजोल, परिवारिक पुनर्मिलन, और आभार प्रकट करने का दिन है।

निष्कर्ष

पोंगल 2025 न केवल एक त्योहार है, बल्कि यह जीवन, प्रकृति, और समृद्धि का उत्सव है। चाहे आप इसे तमिलनाडु में मना रहे हों या विदेश में, पोंगल हमें परिवार और परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर देता है।

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