हरितालिका Teej 2025: तिथि, Puja Vidhi और Religious महत्व | Hartalika teej

Hartalika Teej 2025 को मंगलवार, 26 अगस्त 2025 को पूरे भारत और नेपाल में बड़े भक्तिभाव के साथ मनाया जाएगा। यह पावन व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन महिलाएं Nirjala Vrat रखती हैं और विधिपूर्वक Puja करती हैं। यह व्रत दांपत्य जीवन की सुख-समृद्धि, स्त्री शक्ति और spiritual उन्नति का प्रतीक माना जाता है।

हरितालिका

हरितालिका Teej हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और लोकप्रिय व्रत है। यह मुख्य रूप से विवाहित और अविवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड सहित भारत के कई राज्यों और नेपाल में इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह festival देवी पार्वती और भगवान शिव के दिव्य मिलन का प्रतीक है। हरितालिका शब्द हरित (हरना) और आलिका (सखी) से मिलकर बना है। इसका तात्पर्य उस कथा से है जिसमें माता पार्वती की सखियों ने उन्हें विवाह के लिए भगवान विष्णु को दिए जाने से बचाकर जंगल में ले जाकर छिपाया था। माता ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया। तभी से यह व्रत Hartalika Teej के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

Hartalika Teej 2025 – Lord Shiva and Goddess Parvati seated together with puja offerings and diya
A devotional painting of Lord Shiva and Goddess Parvati with ritual offerings, symbolizing the Hartalika Teej festival.

हरितालिका Teej 2025: तिथि और समय

  • Festival Date: मंगलवार, 26 अगस्त 2025
  • Pratahkal Hartalika Puja Muhurat (नई दिल्ली, IST): सुबह 05:56 से 08:31 बजे तक
  • Tritiya Tithi Begins: 25 अगस्त 2025 को दोपहर 12:34 बजे
  • Tritiya Tithi Ends: 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54 बजे

ड्रिक पंचांग के अनुसार ये समय नई दिल्ली के लिए है। अलग-अलग स्थानों पर सूर्योदय के अनुसार puja muhurat में अंतर हो सकता है।

हरितालिका Teej का महत्व

हरितालिका Teej का महत्व देवी पार्वती की कठोर तपस्या से जुड़ा है। उन्होंने वर्षों तक कठिन vrat रखकर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया। इस व्रत का पालन करने वाली महिलाओं को दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि, पति की long life और पारिवारिक कल्याण का आशीर्वाद मिलता है।

  • Married महिलाओं के लिए: यह vrat पति की लंबी आयु और वैवाहिक सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है।
  • Unmarried कन्याओं के लिए: योग्य वर प्राप्ति हेतु इस व्रत का विशेष महत्व है।
  • आध्यात्मिक दृष्टि से: यह व्रत आत्मसंयम, patience और अटूट विश्वास का प्रतीक है।

हरितालिका Teej की Puja Vidhi

इस व्रत की puja vidhi अत्यंत विशेष और पवित्र मानी जाती है:

  1. Nirjala Vrat
    • महिलाएं दिन-रात बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं।
    • यह व्रत अत्यंत कठिन और तपस्या स्वरूप माना जाता है।
  2. प्रातः स्नान और श्रृंगार
    • महिलाएं प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं।
    • हरी साड़ी, चूड़ियां, mehendi और गहनों से सजती हैं।
  3. Puja स्थल की तैयारी
    • मिट्टी या धातु से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर सजाई जाती है।
    • बिल्व पत्र, फूल, फल, मिठाई और दीपक से पूजन सामग्री तैयार की जाती है।
  4. Puja और अर्पण
    • मूर्तियों पर हल्दी, कुंकुम और फूल चढ़ाए जाते हैं।
    • दीपक और धूप जलाकर आरती की जाती है।
    • फल, नारियल और लड्डू आदि अर्पित किए जाते हैं।
  5. Vrat Katha का श्रवण
    • हरितालिका Teej की vrat katha का पाठ या श्रवण करना आवश्यक होता है।
    • इसमें देवी पार्वती की कठोर तपस्या और भगवान शिव से उनका विवाह वर्णित है।
  6. Jagran और भजन-कीर्तन
    • महिलाएं पूरी रात जागकर भजन-कीर्तन करती हैं।
    • समूह में लोकगीत गाना और religious discussion करना इस व्रत की परंपरा है।

हरितालिका Teej की पौराणिक कथा

कथा के अनुसार, हिमालय राज अपनी पुत्री पार्वती का विवाह भगवान विष्णु से करना चाहते थे। माता पार्वती इस निर्णय से दुखी होकर अपनी सखी के साथ जंगल चली गईं। वहां उन्होंने कठोर तपस्या की और जल-अन्न का त्याग किया। वर्षों बाद उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से यह व्रत Hartalika Teej कहलाया और हर वर्ष श्रद्धा के साथ मनाया जाने लगा।

हरितालिका Teej की विशेषताएं

  • Love और विश्वास का प्रतीक: यह व्रत वैवाहिक जीवन की अटूट निष्ठा और प्रेम का प्रतीक है।
  • Family कल्याण: vrat करने से परिवार में सुख-शांति और prosperity बनी रहती है।
  • स्त्री शक्ति का आदर: यह vrat स्त्री के धैर्य, त्याग और शक्ति को दर्शाता है।
  • प्रकृति से जुड़ाव: सावन-भाद्रपद के मौसम में यह vrat greenery और प्राकृतिक संतुलन का संदेश देता है।

परंपराएं और रीति-रिवाज

  • पारंपरिक श्रृंगार: महिलाएं हरी साड़ी, चूड़ियां, sindoor और mehendi से सजती हैं।
  • Temple दर्शन: शिव-पार्वती मंदिर जाकर special puja की जाती है।
  • सांस्कृतिक आयोजन: लोकगीत, dance और सामूहिक भजन-कीर्तन का आयोजन होता है।
  • सिंदारा परंपरा: विवाहित महिलाओं को उनके मायके से clothes, गहने और मिठाई भेंट दी जाती है।
  • झूला झूलना: ग्रामीण क्षेत्रों में पेड़ों पर swings सजाकर महिलाएं गीत गाते हुए झूलती हैं।

हरितालिका Teej 2025, जो 26 अगस्त 2025 को है, केवल एक vrat नहीं बल्कि devotion, विश्वास और वैवाहिक जीवन के पवित्र बंधन का उत्सव है। यह पर्व नारी शक्ति, तपस्या और प्रेम का आदर्श उदाहरण है। इस दिन महिलाएं vrat रखकर, katha सुनकर और पूरी रात jagran करके भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। यह पर्व भारतीय संस्कृति की spiritual और सामाजिक धरोहर को उजागर करता है।

Read in English : Hartalika Teej 2025: Date, Puja Vidhi, and Spiritual Significance

Last Updated on अगस्त 26, 2025 by Hinditerminal.com